दोस्त
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दोस्त
मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी।
जब में उनको मिलने में उत्साहि होता था,
अब मन भर आता है जब उनकी याद आती है।
मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी।
काश जैसे में परीक्षा में उत्तर भूल जाता था
वैसे है उनके साथ बिताये हुये पल भूल पाता।
मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी।
वो पल याद आते है जब हम साथ हुआ करते थे,
काश मिले दोबारा वो पल जब हम एक साथ घुमा करते थे।
मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी।
अब हो नही पति वार्तालाब सिर्फ होती है जन्मदिन पर मुबारक की बात,
कभी अनजान हो कर ही मिला करो,
पता तो चले कितने बदल गए हो,
अब चेहरे भी याद नहीं आ रहे इतने साल बीत गए बिना मुलाकत के।
मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी।
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