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Showing posts from September, 2024

दोस्त

  दोस्त मिले वो पूराने दोस्त और मीट जाए उनकी यादें , जब में उनको मिलने में उत्साहि होता था , अब मन भर आता है जब उनकी याद आती है। मिले वो पूराने दोस्त और मीट जाए उनकी यादें ,   काश जैसे में परीक्षा में उत्तर भूल जाता था वैसे है उनके साथ बिताये हुये पल भूल पाता। मिले वो पूराने दोस्त और मिट जाए उनकी यादें , वो पल याद आते है जब हम साथ हुआ करते थे , काश मिले दोबारा वो पल जब हम एक साथ घुमा करते थे। मिले वो पूराने दोस्त और मीट जाए उनकी यादें , अब हो नही पति वार्तालाब सिर्फ होती है जन्मदिन पर मुबारक की बात , कभी अनजान हो कर ही मिला करो , पता तो चले कितने बदल गए हो , अब चेहरे भी याद नहीं आ रहे इतने साल बीत गए बिना मुलाकत के। मिले वो पूराने दोस्त और मिट जाए उनकी यादें।                                                                                 - आयुष   ज्ञानेश्वर ठाकुर

चहा

चहा मी नाही लेखक अथवा कवी , पिताच तूला सूचतात चारोळी , घेताच तुला थांबते माझी डोके दुखी , सर्वाना एकत्रित हांती जवळी , तू अमृत नाहीस तरी तुझ्यात अमृतहुनी गोडी , मी पण आहे चहा प्रेमी.                                    - आयुष   ज्ञानेश्वर ठाकुर

ज़िम्मेदारी

ज़िम्मेदारी  ज़िम्मेदारी थामी नहीं जाती , 
 खुद से लेनी पड़ती है , सरलता सिखाई नहीं जाती , खुद से अपनानी पड़ती है। प्यार जताया नहीं जाता , 
 प्यार करना पड़ता है , 
 लेकिन ये सब कुछ ज़िंदगी सिखाती है।                                                  - आयुष   ज्ञानेश्वर ठाकुर

मेरे लिए जीवन

  मेरे लिए जीवन वक्त और इंसान बोहत जालिम चीज है ; क्योंकी गुजरने के बाद दोनो भी कभी वापस नहीं मिलते ; इसलीऐ गुजरने से पहिले दोनो से मोहब्बत करना सीखलो। जिंदगी छोटीसी है दोस्तो इसलिए नाराजगी , ईर्ष्या और कमियों से नफरत करना सिखलो। सबके अंदर एक अच्छाई होती है कोई दिखाता है कोई छिपाता है इसलीए परखना सीखलो । ये जिंदगी है दोस्तो कोन कब छोड जाए क्या पता इसलिए हर एक मुलाकत आखरी समझ कर मिलना सिखलो। हर कोई अल्फाज बया नही कर पाते उनके मन को ; इसलिए आंखे देख कर उनका हाल समझना सिखलो। अगर मन में दुख हो तो किसी को अपना समझ कर जताना जरूर , क्या पता समझ ले अपने दुख को इसलिए जताना भी सीखलो। अगर हर तकलीफ में चेहरे पे मुस्कुराहट रखना सिख ही लिया है तो कभी आँसुओं से अपने दुख को व्यक्त करना भी सिखलो। कभी गलती से गलती हुई आपसे तो माफी मांगना जरूर करे या न करे माफ वो उनके हात में है ; लेकिन कभी गलती से गलती हुई किसी और से तो उनको माफ करना सिखलो। इतना मेने सिख लिया तो जी ली मेरी जिंदगी , ऐसा मान कर जीना सिखलो।                    ...