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दोस्त

दोस्त मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी। जब में उनको मिलने में उत्साहि होता था, अब मन भर आता है जब उनकी याद आती है। मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी। काश जैसे में परीक्षा में उत्तर भूल जाता था वैसे है उनके साथ बिताये हुये पल भूल पाता। मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी। वो पल याद आते है जब हम साथ हुआ करते थे, काश मिले दोबारा वो पल जब हम एक साथ घुमा करते थे। मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी। अब हो नही पति वार्तालाब सिर्फ होती है जन्मदिन पर मुबारक की बात, कभी अनजान हो कर ही मिला करो, पता तो चले कितने बदल गए हो, अब चेहरे भी याद नहीं आ रहे इतने साल बीत गए बिना मुलाकत के। मिले वो पुराने दोस्त और मिट जाए दूरी।

Easy Life Hacks

If you are crazy, You are not lazy, Therefore life become easy, When you are busy.                               - Ayush Thakur

क्रिकेट

माझी पहिली साथ क्रिकेटची बॅट, फक्त हवी क्रिकेट खेळताना मित्रांची साथ. कधी बॉल हरवल्यावर काड्याचं कॉन्ट्री, कधी बॉल शोधताना व्हायची संध्याकाळची रात्री. चिडून खेळायचो जिंकण्यासाठी, आता वेळच मिळत नाही खेळण्यासाठी. टीम टुर्नामेंटमध्ये टाकताना करायचो माज, टीम हरल्यावर वाटायची लाज. डमी फी भरताना फुटायचं घाम, अरे मित्रा, लास्ट मॅच आहे, आता तरी थांब. मैदान दिसलं की दिसतो फक्त बॅट, बॉल आणि क्रिकेट, रडू नको मित्रा, अजून वेळ आहे, कारण पडला नाही तुझा विकेट. मैदान असो १८० डिग्री किंवा ३६० डिग्री, पण पार्टनरशिपला असावा मित्र आपला जिगरी.                                                        - आयुष   ज्ञानेश्वर   ठाकुर

माझी clarinet

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   माझी clarinet Clarinet :अरे.. किरण... आज सकाळी मला निक्षिप्त पडलेल्या अवस्थेत तसाच सोडून गेलास, आणि म्हणत होतास मी तुज्यावर जीवापाड प्रेम करतो किरण: अग... वेडे... तूझ माझ्यावर निखळ आणि निस्वार्थी प्रेम आहे यात काही तीळ मात्र शंका नाही. अग... वेडे... तुला सकाळी जेव्हा मी निक्षिप्त  पडलेल्या अवस्थेत पाहिलं ना, खर तर मला तेव्हा राहवलं नाही,मला रडताना पाहुन तुलाही दुःख होईल म्हणून मी बाहेर जाऊन अक्षरक्षा डोळ्यातून अश्रू ढाळत रडलो.मला अशा अवस्थेत तुलाही पाहवल नसत. तुझं माझं प्रेम म्हणजे जवळ जवळ 11 ते 12 वर्षांचं. अग... वेडे.. तूच तर सरगम मधलं पहिला 'सा' सूराचा ज्ञान मला दिलंस, आता तर तू शेवटच्या 'धं' सुरपर्यंत बिनदास बोलत होतीस. तुझ्या सुरांचा गोडवा जणू मधा सारखा सर्वांना मंत्रमुग्ध करणारा होता. तुझं आणि माझं प्रेम खरं तर न विसारण्यासारख आहे. तुला माहीत आहे का आज सकाळ पासून माझं चित्त ठिकाणावर नाही आहे शिवाय मला आज दिवसभर मानसिक त्रास झाला आहे I hope so तू पुन्हा बरी होशील आणि मला पुन्हा साथ देण्यासाठी परत उभी राहशील.                 ...

Life's Lessons – A Short Story

  Life's Lessons – A Short Story Once, there was a man who often reflected on life. He discovered two important truths: time and people are incredibly valuable, and once they are gone, they cannot return. This realization helped him understand the importance of loving those around him while he still could. He would often say, "Before time runs out and before people leave, learn to love them. Life is too short for anger , jealousy , or hate ." The man believed that everyone has some goodness inside, even if it isn’t always visible. He would encourage his friends, saying, "Look for the good in others. You never know when someone might leave your life, so treat each moment as if it were the last." He also understood that sometimes people struggle to express their feelings . He learned to read emotions through their eyes , believing that eyes often say more than words. "If you’re feeling hurt," he would advise, "talk to someone about it. They migh...

दोस्त

  दोस्त मिले वो पूराने दोस्त और मीट जाए उनकी यादें , जब में उनको मिलने में उत्साहि होता था , अब मन भर आता है जब उनकी याद आती है। मिले वो पूराने दोस्त और मीट जाए उनकी यादें ,   काश जैसे में परीक्षा में उत्तर भूल जाता था वैसे है उनके साथ बिताये हुये पल भूल पाता। मिले वो पूराने दोस्त और मिट जाए उनकी यादें , वो पल याद आते है जब हम साथ हुआ करते थे , काश मिले दोबारा वो पल जब हम एक साथ घुमा करते थे। मिले वो पूराने दोस्त और मीट जाए उनकी यादें , अब हो नही पति वार्तालाब सिर्फ होती है जन्मदिन पर मुबारक की बात , कभी अनजान हो कर ही मिला करो , पता तो चले कितने बदल गए हो , अब चेहरे भी याद नहीं आ रहे इतने साल बीत गए बिना मुलाकत के। मिले वो पूराने दोस्त और मिट जाए उनकी यादें।                                                                                 - आयुष   ज्ञानेश्वर ठाकुर

चहा

चहा मी नाही लेखक अथवा कवी , पिताच तूला सूचतात चारोळी , घेताच तुला थांबते माझी डोके दुखी , सर्वाना एकत्रित हांती जवळी , तू अमृत नाहीस तरी तुझ्यात अमृतहुनी गोडी , मी पण आहे चहा प्रेमी.                                    - आयुष   ज्ञानेश्वर ठाकुर

ज़िम्मेदारी

ज़िम्मेदारी  ज़िम्मेदारी थामी नहीं जाती , 
 खुद से लेनी पड़ती है , सरलता सिखाई नहीं जाती , खुद से अपनानी पड़ती है। प्यार जताया नहीं जाता , 
 प्यार करना पड़ता है , 
 लेकिन ये सब कुछ ज़िंदगी सिखाती है।                                                  - आयुष   ज्ञानेश्वर ठाकुर

मेरे लिए जीवन

  मेरे लिए जीवन वक्त और इंसान बोहत जालिम चीज है ; क्योंकी गुजरने के बाद दोनो भी कभी वापस नहीं मिलते ; इसलीऐ गुजरने से पहिले दोनो से मोहब्बत करना सीखलो। जिंदगी छोटीसी है दोस्तो इसलिए नाराजगी , ईर्ष्या और कमियों से नफरत करना सिखलो। सबके अंदर एक अच्छाई होती है कोई दिखाता है कोई छिपाता है इसलीए परखना सीखलो । ये जिंदगी है दोस्तो कोन कब छोड जाए क्या पता इसलिए हर एक मुलाकत आखरी समझ कर मिलना सिखलो। हर कोई अल्फाज बया नही कर पाते उनके मन को ; इसलिए आंखे देख कर उनका हाल समझना सिखलो। अगर मन में दुख हो तो किसी को अपना समझ कर जताना जरूर , क्या पता समझ ले अपने दुख को इसलिए जताना भी सीखलो। अगर हर तकलीफ में चेहरे पे मुस्कुराहट रखना सिख ही लिया है तो कभी आँसुओं से अपने दुख को व्यक्त करना भी सिखलो। कभी गलती से गलती हुई आपसे तो माफी मांगना जरूर करे या न करे माफ वो उनके हात में है ; लेकिन कभी गलती से गलती हुई किसी और से तो उनको माफ करना सिखलो। इतना मेने सिख लिया तो जी ली मेरी जिंदगी , ऐसा मान कर जीना सिखलो।                    ...